DJ’S POETRY DIARY

हिमालय की ऊँचाई, बर्फ से ढकी चोटियाँ,
उनकी ठंडक और ऊँचाई का है अद्भुत गान।
पर तेरे रूप की ऊँचाई और उसकी कोमलता,
मेरे दिल की गहराई में बसी है वो नाजुकता।
तेरी आँखों की गहराई, है हिमालय की शांति से भी पराई,
उन चोटियों पर सूरज की पहली किरण,
तेरे चेहरे की चमक के आगे धुंधली सी लगन।

जापान के चेरी ब्लॉसम, कोमल और नाजुक,
तेरी मुस्कान में छुपा है, सच्चा सुख।
फूलों की खुशबू भी तेरे आगे फीकी है,
तेरे हँसने से मेरी दुनिया महकती है।
वसंत की आहट में जो खिलते हैं फूल,
तेरी हँसी की मिठास के आगे सब भूल।
चेरी ब्लॉसम की कोमल पंखुड़ियाँ,
तेरी त्वचा की कोमलता को छूने में हैं अनकही दूरियाँ।

नॉर्दर्न लाइट्स का चमकता आसमान,
रंग-बिरंगे सपनों का अद्भुत गान।
पर तेरी मौजूदगी में छुपा है जादू,
जो दिल को छू जाता है, जैसे कोई सुमधुर गान।
आकाश में जो रंग बिखरते हैं,
तेरे चेहरे की रौशनी के आगे हैं सब तिरोहित।
तेरे होने से जगमगाता है मेरा जहां,
नॉर्दर्न लाइट्स की चमक भी है तुझसे अनजान।

ग्रेट बैरियर रीफ की रंगीन बयार,
समुद्र की गहराईयों का सुंदर संसार।
पर तेरे स्पर्श में है वो कोमलता,
जो मेरे दिल को देती है सच्ची राहत और ममता।
समुद्र की लहरें जो गाती हैं गीत,
तेरे स्पर्श की मधुरता के आगे हैं मीत।
तेरे हाथों की कोमलता में छुपी है जो बात,
वो ग्रेट बैरियर रीफ की सुंदरता भी तुझसे मात।

अमेज़न का वर्षावन, जहाँ जीवन का है प्रवाह,
हर कोने में छिपी है प्रकृति की सुंदरता की चाह।
पर तेरे दिल की गहराई में है जो मिठास,
वो अमेज़न की हरियाली के आगे है खास।
वहाँ की नदियों का कल-कल गीत,
तेरे हृदय की धड़कन के आगे धीमा सा संगीत।
तेरे हृदय की गर्मी और तेरे शब्दों की मिठास,
अमेज़न की हरियाली के आगे है अद्वितीय प्रयास।

धरती की सुंदरता का सब करते हैं गुणगान,
पर मेरी नज़रें तुझसे हटती नहीं एक भी पल जान।
तेरे रूप की तुलना में, ये नज़ारे सब छोटे हैं,
तू ही है वो खजाना, जो मेरे दिल के सबसे पास अनमोल है।

धरती के इन अद्भुत नजारों का क्या कहना,
जब तू है मेरे साथ, हर पल है गहना।
तेरी सुंदरता के आगे सब कुछ फीका है,
तू ही है मेरी दुनिया का सबसे अनमोल टुकड़ा, सबसे मीठा है।
तेरे बिना ये दुनिया है अधूरी,
तू ही है वो सबसे सुंदर तस्वीर, मेरी प्यारी।
धरती के सारे रंग और सजीले नजारे,
तेरे सामने हैं जैसे सपने, आधे-अधूरे।

In the vast expanse of time, our paths aligned,
A magical encounter, so sublime.
Your presence, a beacon, guiding my way,
Through the seasons of life, come what may.

Your eyes, like stars, twinkle with delight,
Reflecting a warmth that sets my heart alight.
With every glance, a story unfolds,
Of love that’s timeless and never grows old.

In your smile, I find solace and grace,
A gentle touch, like a soft embrace.
Your laughter, like music, fills the air,
A symphony of joy that I long to share.

You are the melody, the rhythm, the rhyme,
The missing piece that makes life sublime.
With you, every moment becomes pure bliss,
A love so true, I never want to miss.

Through the highs and lows, the joys and strife,
You stand by my side, my partner for life.
Together we navigate this winding road,
Hand in hand, we conquer any load.

In your presence, I find strength and peace,
An oasis of love that will never cease.
You look like the rest of my life, my dear,
A love story written in stars, crystal clear.

So let us dance through the pages of time,
Creating memories that forever will chime.
In your beautiful eyes, I see my forever,
A love so deep, it can never sever.

“You Look Like the Rest of My Life” weaves,
A tapestry of love that forever believes.
With you, my heart has found its true home,
A love that’s eternal, never to roam.

By Dipesh Joshi

मैंने हीरे की चमक देखी, लेकिन तुम्हारी आंखों को देखते ही हीरे को भूल गया,
मैंने गुलाब के फूल की गुलाबी देखी, लेकिन तुम्हारे होंठों को देखते ही गुलाब को भूल गया,
मैंने उगते हुए सूरज की किरणें देखी, लेकिन तुम्हारी हंसी देखते ही सूरज को भूल गया,
मैंने पूर्णिमा के चंद्रमा का प्रकाश देखा, लेकिन तुम्हारी मुस्कुराहट देखकर चंद्रमा को भूल गया,
मैंने रेशम की नरमाई को छूकर देखा, लेकिन तुम्हारे बालों को छूते ही रेशम को भूल गया,
मैंने इंद्रधनुष के रंगो की खूबसूरती देखी, लेकिन तुम्हारी कलाईयों की चूड़ियों को देखते ही इंद्रधनुष को भूल गया,
मैंने कही समुंदर की गहराईयों को देखा, लेकिन तुम्हारा दिल देखते ही उसमें डूब गया,
मैंने सारा जहां घूमके देखा, लेकिन तुम्हें मिलते ही सारा जहां भूल गया,
वैसे तो और बहुत कुछ देखने की ख्वाहिश थी मेरी, लेकिन तुम्हें देखते ही सब कुछ भूल गया।❤️💙

By Dipesh Joshi

बचपन की मिठास, खिलौनों के रंग में भागा,
पर सुकून छुपा, जैसे चाँदनी के आँगन में।

पढ़ाई के मैदान में, स्कोर्स की रौशनी में भागा,
पर सुकून छुपा, जैसे सितारों की रात में।

जवानी की हवा, पैसों के रेशमी धागों में भागा,
पर सुकून छुपा, जैसे हवाओं में मिठास में।

जिंदगी के मोसाम, प्यार के बादलों में भागा,
पर सुकून छुपा, जैसे सर्दी की रातों में।

बुढ़ापे का सफर, भगवान के साथी में भागा,
पर सुकून छुपा, जैसे धूप की किरणों में।

फिर एक बार ठहरकर, आसपास की बातों में देखा,
तब जाकर मिला, वह ठंडक, जो सुकून कहलाता है।

समझ आया ज़िंदगी, भागने के लिए नहीं,
ठहरने के लिए ही बनी है, एक खास कहानी में।

और जैसे एक किताब की पन्नों में कहानी छुपी,
जिंदगी की हर मुश्किल से मिलता है सिख।

By Dipesh Joshi ✨☘️

Love is not about just saying I love you,
I see the flower and I think to give it to you is love,
I see the moon and I think to look ur face is love,
I see the diamonds and I think about your eyes is love,
I see the most beautiful place and I think to go there with you is love,
I see you want something and I think to buy it for you is love.
In the Language of love, words are few,
Actions secure love, forever to pursue.

By Dipesh Joshi

कुछ अंतर पास होने पर भी दूर लगते हैं,
जैसे दिल की बातों को होंठों तक पहुंचाने में बरसों लग जाते हैं।
जैसे आँखों से आँखों को मिलने में कई दिन लग जाते हैं।
जैसे ख्वाबों को हकीकत से मिलने में कई दशक लग जाते हैं।
जैसे दिमाग और दिल को एक साथ होने में ज़िंदगी लग जाती है।
कुछ अंतर नजदीक होते हुए भी पूरा करने में कई साल लग जाते हैं।
और फिर भी, ये सफर है अनमोल,
मन की गहराईयों में,
जिसमें हैं खोज, ख्वाब, और उम्मीदों की रहमानी

-Dipesh Joshi

जबसे देखा तुम्हें,
खुदको खोया मैंने।

वैसे तो कहीं लड़कियाँ देखी,
पर तुमसा न देखा कभी।

कुछ तो जादू था हवा में,
वरना ऐसा महसूस हुआ था कहाँ पे?

आसमान का इंद्रधनुष तो देखा,
पर धरती पे सतरंग पहली बार देखा।

हंसी की वजह तो कहीं मिली थी,
पर किसी की वजह से हंसी आज मिली है।

रूह और दिल तो पहले भी थे,
लेकिन होने का एहसास अब हुआ है।

लब्ज़ तो पहले भी कहीं लिखे गए,
पर तुम्हें बयान कर सके ऐसा न मिले कहीं।

Dipesh Joshi

DIPESH JOSHI
Author
Bibliophile
Dipesh Joshi is totally weirdo, He lives with more books than people.
Jade blue street
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360005
India
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